1. A person who never did anything wrong in life
2. A person who doesn't have fear to loose any thing.
3. A person who is ready to loose everything for the truth.
It is very complicated word TRUTH. have lot definitions available but according to me "TRUTH is a thing or a event that happened.". I have seen many thing and realize that truth is subject to blog hence posting a new view might be old but for me its new.
in other words truth is "That which is true or in accordance with fact or reality"
The best beniftit of the truth is you never have to remember what u have said. because as we know the truth is only one and have only one face but the untruth or the falsehood have many faces hence truth is better to have because we have to remember less.
I was reading a sanskrit book and found a nice poem(SLOK) in it. that says....
कान्तारं नगरं गिरि र्गृहमहिर्माल्यं मृगारि र्मृगः ।
पातालं बिलमस्त्र मुत्पलदलं व्यालः श्रृगालो विषं
पीयुषं विषमं समं च वचनं सत्याञ्चितं वक्ति यः ॥
अर्थात् जो सत्य वचन बोलता है, उसके लिए अग्नि जल बन जाता है, समंदर जमीन बन जाती है, शत्रु मित्र बन जाता है, देव सेवक बन जाते है, जंगल नगर बन जाता है, पर्वत घर बन जाता है, साँप फूलों की माला बन जाता है, सिंह हिरन बन जाता है, पाताल दर बन जाता है, अस्त्र कमल बन जाता है, शेर लोमडी बन जाता है, ज़हर अमृत बन जाता है, और विषम सम बन जाते हैं ।
सच कहा गया है कि सच बोलने के लिए बहोत हिम्मत चाहिए । क्योंकि सच कठिन परीक्षा लेता है और बहुत कष्ट देता है, सच की तो बस एक ही पहेचान होती है जो वो खुद बयां कर देता है। सत्य कि पहेचान तो तुरंत ही हो जाती है क्योंकि सत्य तो अंतर अत्मा है और आत्मा ही परमब्रह्म है, और लोग कहेते है इश्वर (परमब्रह्म) ही सत्य है, सत्यको कोई खरीद नहीं सकता क्योंकि सत्य तो अनमोल है बेसकिमती है, सत्य को केवल सत्य ही खरीद सकता है और समझ सकता है ।