दुर्गा की नवम शक्ति का नाम सिद्धी है। ये सिद्धीदात्री हैं। सभी प्रकार की सिध्दियों को देने वाली। मार्कण्डेय पुराण
के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिया, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और
वशित्व ये आठ सिध्दियां होती हैं। देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इन्हीं की कृपा से सिध्दियों को प्राप्त किया था। नवरात्रि पूजन के नवें दिन इनकी पूजा की जाती है।
माता महागौरी
शोभा
इन्हीं की अनुकम्पा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वह
संसार में अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। माता सिद्धीदात्री चार
भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर आसीन होती हैं। इनकी
दाहिनी नीचे वाली भुजा में चक्र, ऊपर वाली भुजा में गदा और बांयी तरफ नीचे
वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमलपुष्प है।
परीचय / कथा
आज के दिवस पूजा एवं होम के साथ व्रत का समापन किया जाता है क्युंकि दशमी को पारणा करने का निषेध है.
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