30 November 2012

My Engagement

कैसे है दोस्तो,
इस 30 नवंम्बर, 2012 के दिन मेरी सगाई सपना हरिदत्त त्रिपाठी से संपन्न हुई,
बहोत ही बहेतरीन और यादगार दिन था ये जो हर पल मेरे जहेन में रहेगा, शायद हम बने ही एक दुजे के लिए थे, क्या सुहाना दिन था और उस से भी बहेतरीन वो शाम थी......


मेरे हिस्से की चांदनी समुंदर में गल गई,
वो क्या आई पुरानी हर याद जल गई,
एक अर्से से था उनके दीदार का इंतेजार,
कमबख्त वो शाम आई और ढल गई...

समा-ए-शबनम का किनारा हम क्या कहते
किसी मुसाफिर का सहारा हम क्या कहेते,
जब से देखा है वो नूर तेरी आँखोंमें सन्नोरानी,
चांदनी चांद की बेनूर है ये क्यो ना कहेते,
तेरी नजरो से जो कत्ल हुआ है हसीना
बचाले ये बात खुदासे हम भी क्या कहेते....